सम्पूर्ण विश्व का कैंसर बन चुके जिहाद का उपचार केवल गीता में है-यति नरसिंहानन्द सरस्वती
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Yati narsingha nand sarswati geeta parwah: आज वसुंधरा सेक्टर 3 में स्थित गार्डेनिया ग्लैमर सोसायटी में श्रीमद्भगवद गीता की शिक्षाओं पर सम्मेलन आयोजित किया गया
जिसमें स्थानीय विधायक श्री सुनील शर्मा जी मुख्य अतिथि रहे।
सम्मेलन में श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रकाश डालते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व मे केवल गीता ही एकमात्र ऐसी पुस्तक है जिसे स्वयं परमात्मा ने अपने श्रीमुख से मानव को प्रदान किया है।Yati narsingha nand sarswati geeta parwah
सम्पूर्ण विश्व मे धर्म,अध्यात्म और दर्शन की ऐसी कोई प्रामाणिक पुस्तक नहीं है जिस पर गीता की छाप न हो।परमात्मा द्वारा प्रदत्त होने के कारण गीता सर्वकालिक और सार्वभौमिक ग्रन्थ है जिसे किसी भी समय,क्षेत्र,समुदाय या पंथ से जोड़कर नही देखा जा सकता।
जो भी विश्वास और निष्ठा के साथ गीता को पढ़ता है और गीता का अनुसरण करता है,गीता उसका कल्याण करती है।
गीता की एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पूरी दुनिया में केवल गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जिसकी रचना युद्धक्षेत्र में हुई है।Yati narsingha nand sarswati geeta parwah
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध को रोकने का भरसक प्रयास किया परन्तु युद्ध के ठन जाने के बाद उन्होंने अपने मोहग्रस्त शिष्य महावीर अर्जुन को मोह त्यागकर विजय को वरण करने का मार्ग दिखलाया।
उन्होंने कहा युद्ध के मैदान में लिखी गयी गीता सम्पूर्ण जीवन की कसौटी पर सदैव खरी उतरती है।गीता मानवीय मूल्यों का महासागर है।
गीता प्रकृति और समाज के संतुलन के महामंत्री यज्ञ,दान और तप पर जोर देती है।गीता निष्काम कर्म और मानवीय धर्म का मार्ग दिखाती है।
सबसे बढ़कर गीता स्थायी शांति का मार्ग बताती है।यहाँ तक कि दुनिया का कैंसर बन चुके इस्लामिक जिहाद की समाप्ति का मार्ग केवल और केवल गीता में ही है।
Yati narsingha nand sarswati geeta parwah- आज भारत के हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से गीता को पढ़ना और समझना चाहिये।भारत सरकार को भी गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करना चाहिये।
उन्होंने विधायक श्री सुनील शर्मा जी से अनुरोध किया कि वो भी गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की मांग पार्टी फोरम पर उठाए।
कार्यक्रम में बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज,यति सत्यदेवानन्द सरस्वती, यति सेवानन्द सरस्वती जी ने भी विचार रखे।Yati narsingha nand sarswati geeta parwah
कार्यक्रम में सोसाइटी से मुख्य रूप से श्री बलराम त्यागी, शैलेन्द्र त्यागी, वी के राव, संजय गोयल, विकास, कपिल त्यागी, विपिन त्यागी, विपुल, राजीव कौशिक, पंकज भरद्वाज, प्रणव, उमेश राय, विभोर, अंकुर बचुका, हेमंत शर्मा, कमलजीत नागर, विशांत तथा सेक्टर १ से दिव्य अग्रवाल, रविंदर त्यागी, कैलाश शर्मा मुख्य रूप से आयोजन समिति मैं शामिल रहे।
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